सोचिए......
यदि प्रधान मन्त्री मोदी जी कह दें कि :
शौचालय जाने के बाद हाथ साबुन से धोना आवश्यक है ।
*तो कुछ नेताओं की प्रतिक्रिया इस प्रकार हो सकती है ।
*केजरीवाल-*
मोदी ने साबुन कम्पनियों से रुपये लिये हैं !
*राहुल गाँधी-*
मोदीजी गरीबों का साबुन खर्च करवाना चाहते हैं !
*ओवैसी-*
मैं हाथ साबुन से नहीं धोऊँगा । ऐसा संविधान में कहीं नहीं लिखा है , मेरे
गर्दन पर चाकू भी रखोगे तब भी नहीं !
*मायावती-*
दलितों को आरक्षण मिलना चाहिए केवल हफ्ते में एक बार हाथ साबुन से धोने का !
*कपिल सिब्बल-*
शौचालय मेरा , शौच मेरी , हाथ मेरा , मैं क्यों धोऊँ ?
*मुलायम-*
मेरे होते हुए U.P. वालों को हाथ धोने की जरूरत नहीं है ! कोई माई का लाल ऐसा नहीं करा सकता है !
*गिरिराज-*
जो साबुन से हाथ नहीं धोना चाहते वे पाकिस्तान चले जायें !
और
*मुकेश अंबानी-*
"स्वस्थ राष्ट्र के स्नान की शुरुआत , जिओ साबुन के साथ ।
'एक साबुन पर 500 MB 4 जी डाटा फ्री।'
Nice Line.
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